Friday, February 02, 2007

द्वितीयः पाठः( lesson second )

द्वितीयः पाठः( lesson second )
पठ धातु लृट लकार ) (भविष्य काल))( future tense )
http://www.geocities.com/katare_nityagopal/sound.htm
पठिष्यति पठिष्यतः पठिष्यन्ति
पठिष्यसि पठिष्यथः पठिष्यथ
पठिष्यामि पठिष्यावः पठिष्यामः
आइये कुछ अव्ययों का प्रयोगकरते हुए वाक्य निर्माण करें। ( lets try to make few sentences )
यत्र = जहां = where ( eg. where there is a will.... there is a way )
तत्र = वहां there
कुत्र ?= कहां? = where ? ( where are you going )
अत्र = यहां = here ( where is your pencil.... ans :- here it is )
एकत्र = एक जगह = at one place
सर्वत्र = सब जगह = every where
अन्यत्र = अन्य जगह = somewhere
यदा = जब = when ( when the sun shines )
तदा = तब = then
कदा ? = कब? = when ( when you will do your home work ? )
सर्वदा = हमेशा = always
एकदा = एक बार = once ( at a time )
अद्य = आज = today
श्वः = कल (आनेवाला) = tomorrow
ह्यः = कल (बीता हुआ) = yesterday
= और = and
अपि = भी = too
एव = ही = only this/ only that
इदानीम् = इस समय = only this/ only that
उपरि = ऊपर = up / above
अधः = नीचे = below / under
वामतः =वाँये = left
दक्षिणतः = दाहिने = right
पृष्ठतः = पीछे = back1
श्वः भवान् कुत्र गमिष्यति?
आप कल कहां जायेंगे? = tomorrow where will you go ? or tomorrow where you are going ?
अहं श्वः अमरीका देशं गमिष्यामि। मैं कल अमरीका जाऊँगा। tomorrow, I am going to America
किं भवती अपि चलिष्यति? क्या आप भी चलेंगी? are you willing to come ?
न अहं न चलिष्यामि। नहीं मैं नहीं चलूंगी। No, i am not going.
किं भवान् चायं पास्यति ? क्या आप चाय पियेंगे? Do You want tea ?
अहं चायं न पिबामि अतः काफीं पास्यामि। मैं चाय नहीं पीता इसलिये काफी पिऊँगा। I don't drink tea, that is why, I will take coffee
यत्र यत्र धूमस्तत्र तत्र अग्निः। जहां जहां धुँआ है वहां वहां आग है। where there is smoke, there is fire
यत्र कविः अस्ति तत्र कविता भवति। जहां कवि है वहां कविता होती है। where there is a poet there is poetry
वायुः सर्वत्र प्रवहति। वायु सब जगह वहती है। wind blows every where
यदा सूर्यः उदयति तदा दिवसः भवति। जब सूर्य उगता है तब दिन होता है। when the sun rises then it's daybreak
अद्य रविवासरः अस्ति। आज रविवार है। today is sunday
इदानीं अहं एकां कवितां श्रावयिष्यामि। इस समय मैं एक कविता सुनाऊँगा। Now it is time for me to recite a poem
सर्वे जनाः श्रोष्यन्ति कोऽपि गृहं न गमिष्यति । सब लोग सुनेंगे कोई भी घर नहीं जायेगा। Every body listen, no one shall go home

1 Comments:

At 12:10 PM, Anonymous Anonymous said...

Interesting to know.

 

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